नई दिल्ली। यपी के उन्नाव में रेप और अपहरण के मामले में मंगलवार को सीबीआई ने सजा पर जिरह के दौरान बीजेपी से निष्कासित विधायक कलदीप सिंह सेंगर को अधिकत्तम सजा देने की मांग की। इतना ही नहीं सीबीआई ने इस मामले में पीडतिा को मुआवजा देने की मांग भी की है। इस मामले में अदालत ने दोनों पक्षों की दलील को 20 दिसंबर को भी जारी रहेंगी। आपको बता दें कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सोमवार को इस मामले में दोषी करार दिया था। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले को लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित किए जाने के बाद न्यायाधीश शर्मा ने पांच अगस्त से दिन- प्रतिदिन के आधार पर मुकदमे की सुनवाई की। तीस हजारी अदालत ने सीबीआई को चार्जशीट में देरी के लिए फटकार भी लगाई। भाजपा से निष्कासित विधायक सेंगर पर 2017 में एक नाबालिग का अपहरण करने और उससे दुष्कर्म करने का आरोप था। इस मामले में सह आरोपी शशि सिंह पर भी मुकदमा चल रहा था। इस मामले में पी?िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में विशेष अदालत लगाई गई थी। विशेष अदालत ने इसी साल 9 अगस्त को सेंगर व अन्य आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोग तय किया था। विशेष अदालत ने सेंगर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (जबरन शादी करने के लिए अपहरण), 376 (दुष्कर्म) और बच्चों को यौन उत्पीडन से संरक्षण के लिए बने पॉक्सो की धारा के तहत मुकदमा चलाने के लिए आरोप तय किया गया था। बता दें कि उन्नाव रेप केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लडकी के बलात्कार के मामले में भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ अगस्त महीने में ही आरोप तय किए थे। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में आरोप तय किए थे। इस मुकदमे के सिलसिले में बीते 28 जुलाई को पीडतिा, उसके वकील व परिवार के अन्य सदस्य रायबरेली जा रहे थे। तभी उनकी कार को एक ट्रक टक्कर मार दी थी। इसमें पीडतिा की चाची व मौसी की मत्य हो गई थीपीडति त उसका वकील गंभीर रुप से जख्मी हुए थे। पीडतिा व उसके वकील को एम्स लाया गया था। पीडतिा ने सीबीआई के सामने हादसे के पीछे सेंगर का हाथ बताया था।
सेंगर को मिले अधिकत्तम सजा, 20 को फिर होगी जिरह :सुप्रीम कोर्ट