आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी खबर, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से किया ये बड़ा सवाल

दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से पछा है कि वह रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए हाल ही में गठित 25,000 करोड़ रुपये के विशेष कोष से बंद हो चुकी आम्रपाली की अटकी पडी परियोजनाओं के वित्त पोषण के आवेदन पर निर्णय कबतक कर सकती है? सरकार को इस बारे में मंगलवार तक बताने को कहा गया है. केंद्र के वकील ने शीर्ष अदालत से कहा कि इस कोष से कर्ज के लिये कंपनियों को उपयक्त प्रक्रियाओं का अनुकरण करना है. न्यायाधीश अरूण मिश्र और य य ललित की पीठ ने अतिरिक्त सोलिसीटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी को यह बताने को कहा कि आवेदनों पर फैसले में कितना समय लगेगा? बनर्जी ने कहा कि 25.000 करोड का विशेष कोष वास्तव में एक वैकल्पिक निवेश कोष है जिसमें केंद्र को 10,000 करोड़ रुपये और 15,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों को योगदान देने हैं. यह कोष वर्षों से अटकी पड़ी रीयल एस्टेट परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिये है. उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक कोष प्रबंधक के रूप में काम करेगा और वह रीयल एस्टेट कंपनी के आवेदन करने पर कुछ निश्चित नियमों के आधार पर राशि का वितरण करेगा. पीठ ने बनर्जी से यह पूछा कि क्या ऐसे आवेदनों के निपटान के लिये कोई समयसीमा है? बनर्जी ने जवाब दिया कि समयसीमा के संदर्भ में कोई निर्देश नहीं है लेकिन आम्रपाली अगर इस कोष से पैसा चाहती है तो उसे इसके लिये आवेदना करना होगा. पीठ ने कहा कि केंद्र द्वारा समयसीमा के बारे में सूचना देने के बाद वह बुधवार को आदेश देगा. । पर कुछ निश्चित नियमों के आधार के बारे में सूचना देने के बाद वह बुधवार को आदेश देगा.